ये परफानी राते पिघर जाने तोपिघर जाने तोशीत लहर सी है सासोंआज मिले तिरी बाँ मेंशीत लहर सी है सासों मेंआज मिले तिरी बाँ मेंआज तो हमें जल जाने दूजल जाने दूजल जाने दूपर जाने तो चल जाने तो ये बर्फानी राते पिघर जाने तो पिघर जाने तोजी उठों मैं जरा तेरे होठों से हरारत जो मैंने जो उठोंमैं बदन तेरा भीग मन को थोड़ी राहत तो मैंनेमैं बर्खा की एक बूंद हूँ पिति जमी को जो जो मिलूमैं बर्खा की एक बूंद हूँ पिति जमी को जो जो मिलूपाप में मुझे धर जाने लो जल जाने लोमुझे धर जाने लो