विणक् गर्जा जी घर आया घर ...
हूरा साजन जी घर आया है
आज मंगरण जाओं जी
धन-धन भाव भग जाग्या हृरा
सहयब जी पन्दूआय
हूरा साजन जी घर आया हृरा
धन-धन भाव भग जाग्या हृरा
सहयब जी पन्दूआय
हरा
बनी थारो रूप नि रखीयो प्यारो
मैं तो हार गयो दिल मारो
थारो हसनो चोखो लागे
अज जी ललचावे मारो
मैं थाने दूर कदी ना जाऊँ
प्रेम करूं मारी नदिया थाने
मैं समदर बण जाऊँ
बनी थारो रूप नि रखीयो प्यारो
मैं तो हार गयो दिल मारो
थारो हसनो चोखो लागे
अज जी ललचावे मारो
थासो बादी प्रीत की डोरी
खुल बाना दे हो ली
थासो मेल मारो जनंब जनंब रो
जन्म जनंब खेल ली
जन्म जनंब खेल ली
तो बना भावने बहो
थासु भादी प्रीत की डोरी
खुल बाना दे हो ली
थासू मेल मारो जनंब जनंब रो
जन्म जन्म खेल ली
दारो बरोसो करके ही तो लिओ फैसलो
थासु ही मिल तो रेसी मन आगे होसलो
मैं प्रेम करूँजी चकोरा थाने चादर लो बन जाऊँ
बनी तारो रूप नी रखियो प्यारो
मैं तो हार जयो दिल मारो
थारो हसनो चोखो लागे
अजी जी लल चावे मारो
मारे प्रेम ने थे जानो जी साइब जी सावरिया
दूर निजर शु जाल नदी जो सासुराला डकडा
मारे प्रेम ने थे जानो जी साइब जी सावरिया
दूर निजर शु जाल नदी जो सासुराला डकडा
परदास करूं दिन रात राम ने सुने वो मारी
मैं तो काड़ जिये मेरा खुथाने सजनी मारी
मैं प्रेम करूं फूलां जूथाने बवरो मैं बढ़ जाऊँ
वणि तारो रूप नी रखियो प्यारो मैं तो हार गयो दिल मारो
तारो हसनो चोखो लागे अज जी ललचावे मारो
हर दम राखूं साथ मैं थाने दूर कदी ना जाऊँ
प्रेम करूं मारी नदीया थाने मैं संदर बढ़ जाऊँ
वणि तारो रूप नी रखियो प्यारो मैं तो हार गयो दिल मारो
तारो हसनो चोखो लागे अज जी ललचावे मारो
प्रेम करूं मारी नदीया थाने मैं संदर बढ़ जाऊँ
स्ज्ञी...
स्ज्ञी...
आज मंगल गाउजी खांगल गाउजी जागे लागे
आज मंगल गाउजी
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