जब रात की तन्हां लम्हों में कोई आहट सुनता हूँ
मुझे से कहेती ये दिल मेरा प्रभाव करती है
जब रात की तन्हां लम्हों में कोई आहट सुनता हूँ
मुझे से कहेती ये दिल मेरा दिल में हल चल होता है
बाहों में आजाओ साथिया बंजारों सा गुना
बंजारा बंजारा बंजारा बंजारा
बंजारा हुआ इश्क में दर्द ही दर्द है सीने में
पल दो पल में तुम युही क्यों जुदा हो गए
बंजारा हुआ इश्क में दर्द ही दर्द है सीने में
पल दो पल में तुम युही क्यों जुदा हो गए
दूर से देखा तुम अकेली सी थी वो आवाज दे रहा था मैं दूर से
किनारे पे पहुँचा मैं बरी मुश्कल से नजदिक पहुँच के सब खो गया
ये सांस मेरी रुक जाती है एक शोना दिल में भरता है
वो दर्द शहर तक रहता है फिर जखमों जैसे भरता है
बाहों में आजाओ साथिया बंजारों सा गुमना ओना
बंजारा बंजारा बंजारा
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