और मेरे महरवानों आई एक रागनी महावार्थ के प्रसंग से सुनवाते हैं
और मौका रहेगा कि जब रण भी हुई के मैदान में अर्जुन और करण आमने सामने डड़ जाते हैं
और किस तरीके से करण अर्जुन को अपने बाणों से बांद लेता है
और सारा हवाला इस रागनी के माध्यम से और लेके आ रहे हैं भाई कमिंदर गोचर
बांद दिया बाणों से
कि तीर कमानों से वीर आर्जुन बालवान
मची जब हाँ हाँ कार से बांद दिया बाणों से
कि तीर कमानों से
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
वीर आर्जुन बालवान
ये भी 551 पैसे पार्टी को बुसाज करते हैं
हम विर्षिंजी का हाँ धन्यवाद करते हैं
तो क्या बता दूसरी बात में
जी कोई बात नहीं कोई बात नहीं पूछा मुरार से बांग दिया बानों से यसीर कमानों से वीर आरजून बालवान
बात नहीं कोई बात नहीं पूछा मुरार से बानों से वीर आरजून बालवान
डंडे से और लगे गले में फासी तेरे हाथे बंदे डंडे से और लगे गले में फासी तुझे उदासी
छा गई छा गई बता किसकी हार से बंद दिया बानों से ये तीर कमानों से वीर आर्जून बालवान
और लीजिये मेहमारों ग्राम सोहना से ही छोटा सा बच्चा चीकू वो 251 पर से पार्टी को प्रशान करता है
और चुंते मारन ख़तर जब करन ने वानी उठाया गुर्मा विर सिंग छोटे था तै यस्त सूरिये पाया
गुर्मा विर सिंग छोटे था तै यस्त सूरिये पाया शंक बजाया
शाम ने धन शाम ने हुई
ज़िए चिंग्ते
ये कार से बंद दिया बाणों से
ये तीरे कमाणों से
वीर आर्जुने बालवान
वीर आर्जुने बालवान
क्या हम तुम चोरी से
बंदे एक दोरी से
जईयो कहाँ एहजू
अरे ये बंदन है प्यार का
क्या हम तुम चोरी से
बंदे एक दोरी से
जईयो कहाँ एहजू
जईयो कहाँ एहजू