शिवा शिवा शिवा शिवा शिवा शिवा शिवा
शिवा शिवा शिवा शिवा शिवा
कैलाश काबासी है
काल का बिनाशी है
जहाँ मुक्ती मिलती सबको
वह जगा नहीं काशी है
गले में है शिष्टर नंदी की सवारी है
करके वति प्रासुर का बन गये तिपरारी है
करदाने उसने सोने की लंका भी महादेव
मेरा इतना बोला बंडारी है शिव ही शक्ति है शक्ति ही शिव
मैं तो बसी यही कहूँ शम्बु शदा शिव
ठर ठर महादे ठर ठर महादे शम्बु शदान शिव
ठर ठर महादे ठर ठर महादे ठर ठर महादे शम्बु शदान शिव
ठर ठर महादे चल चरे तेंले चरे भंग का तो पान ले
तेरा ही हो जाये भोले जो तुझ को चान ले
जल चरे बेल चरे भांग का तो पान ले
तेरा ही हो चाये भोले जो तुझ को जान ले
के दर्श में राये शंभू नाथ
कैसे गिरूंगा तुने पग़रा है हाथ
गांधे बे कावर मुप तेरा नाम है
बम से ही सुबा मेरी बोले से शाम है
तुझको बिठाया है सीने में ऐसे
जैसे हनुमान में सियाराम जैसे
जैसे हनुमान में सियाराम जैसे