महादेब
एयर मंत्र है
प्रेम को पकर तो।
व्यक्ति
बंबं बंबं
बंबोरे बंबोरे बंबं बं吃ता
गबरे गबरे
यही वो तंत्री है यही वो मंत्री है
प्रेम से जब गितों मिटेंगे सारे गम
कभी योगी कभी भोगी कभी बाल ब्रह्मचारी
कभी अधिदेव महादेव फिपुरारी
कभी शंकर कभी संभू कभी भोले बंधारी
नाम है अनंत तो रे जदारी
शिव का नाम लो सुबह शाम लो
जब ते रहो जब तक दम मेहदम
बम बोले बम बोले बम बम बम
दक्ष प्रजापति जब हंकारा
त्रिशूल से शीश उतारा
माफी मांगे होश में आयो
बक्रे का जब शीश लगायो
आशु तश भोले बाबा आये परिशन
बक्रे का जब शीश लगायो
बक्रे का जब शीश लगायो
चिताननद सम्मो हमो परारी
प्रतीत प्रतीत प्रदूमन मनतारी
प्रदूमन मनतारी
द्यान लगाईके
चोँत जलाईके
द्यान लगाईके
चोँत जलाईके
शिव को पुकारते चलो जी हर दम
बम बोले बम बोले बम बम बम
बम बोरे बम बोरे बम बम बम
खेल रही है रटा में रंगा
बाजे डम रूपी कर बंगा
खब पर काल बदंबर यंगा
मेरो जोगी मास मलंगा
बुरुदास मांगे तेरी वजने गडम
बम बोरे बम बोरे बम बम बम
खेल रही है रटा में रंगा
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