तू दर्गास मेरे ते
तीर लोक के बंदारी मैं जा करवाँ शेरे ते
और ना चाये तेरे शाल दुशाले नहीं जरूरत गहने की
बजन फैर मेरी वो बात ना कहने की
भकती बाव बजन फैर मेरी वो रात ना कहने की
मैं
पूकर भ्यात नहीं करूँ सेन संथो सबर्ते रहने की
कै फोड़ोईशान समेरे कै तीर लोक के
बंदारी मैं जा रवार तेरे पाले ना जाने की
करवाओं इन गैए,
बंबं भुले ना तमादे,
क्यों दर्शा समेरे दैवे,
लोगे बतारी दैवे, करवाओं इन गैए
तेरी पालकियां की नई जरूरत, पेदल मारच कर लूगी,
तुम्हे छोड़के सिवशंकर मैं खाऊं कसम ना परली,
देरे नाम की सिवशंकर मैं छाने गोट बंग कर लूगी,
जी कहतू पीवेगा गणी गणी पचपी की गोट मैं खाऊं लूगी,
मैंने बता जे सिवशंकर मैंने बता जे कुन बचा इस मो माया की देरे तेरे,
लट के बंगारी मैं करवाओं इन गैए तेरे, वो
नातमा देरे तो गढ़ास देरे तेरे,
अभ दूत दरसनी बेशक पर रूप तेरे न्यारे न्यारे,
मात चंद्र मां ब्राजरार चम्परे से अंगारे,
दयां बाrill में बैते रहूं, झोलिके मने चीते लाले,
अभिना बचन ना जाने की तांथ दूरे,
दनग पर दुखते वनगारी मैं जब ना शुद्धेने पैड़
समगो ना दमाते जर्या समगेने पैड़
तुम बात खलेले कैन्यारी
ना इश्वे पती की पार बती तू शिवशंकर बहनदारी
मेरा धंग तो मेरा धंग तेरी सुरत लगे थैनी प्यारी
कै भी छूना दंगड़ के मर जागा कै भी छूना तहमें आगन भच्चीढे पैड़
तुम बात खलेले कैन्यारी ना जब ना दमाते जर्या समगेने पैड़तुम दे
षुद्धेने पैड़ तुम बात खलेले टारिते हैं जा कर वावों हे निंते
ujin پر ہی پتے...
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