बलू चित्तान मैं से दगार पतो गुरुबान बान सर मचार
के चार माती वतन हर गुरा
मुक्को गरो संगरा
कई बच्चा कपन मा सरा
कई आजाती है आतिरा
मा चसावती सर गुदें
बावती मा कैं भुन्दरा बिजातो गौक मा की पिछार
बलू चित्तान मैं से दगार
पतो गुरुबान
बान सर मचार
वेर मारा गुढे आवती
हुवती मलपदा संगती
बाद भुस्तान मैं धन्नती
सिंग मैं चूके गोर कीमती
नाओं लूचें के आठों बिमें वाई भिवा की देथाकती
मुझके युचिनिंचņ खासनी काक गुदुन Artemisi
साजी दिल्रेशु आरां बलूच।
मेदत्ता शिकारां बलूच। अंगता वी तवारां बलूच।
शुंगो यक्या कुआरां बलूच। मा बले वीरगा सर्पदीं।
सरमचार सरमचारां बलूच। हम बलो संगतो बीलो यार।
बलूच। तानु मैं सर्दगार् पतो कुरुबान बां सरमचार।