देखो एक नखराली लुगाई को परणियो
पर्देश का माईन कमाबा के लिए जावे
तो वाहांकी लुगाई घर का माईन है
वाहांकी याद में काहीं कहे रही है
अरे बालम थारी जों रे बाटा
पड़ी पलंग पे खाूँ रे पछाटा
मन ओलियो थारी आवे रे आजा परणियोडा
अरे दड़का खावे मारी छाटी
मारे तन मन आगी लगावे रे आजा परणियोडा
अरे मछली जईया में तड़पाऊं
सारी रात नींद नहीं आवे रे आजा परणियोडा
अरे बालम थारी जोओं रे बाता
अरे पड़ी रे पलंग पे ठाओं रे पछाटा
मन ओलियों थारी आग रे आजा परणियोडा
रूपरती लोथने बुलावे
मारी छाटी दड़का थावे रे आजा परणियोडा
अरे अंग अंग में चाले रे चटका
मन मत ना थूं तरसावे रे आजा परणियोडा
सेजा सुनी मारी जावे
मारो जीवगनों दुख पावे रे आजा परणियोडा
अरे अंग अंग में चाले रे चटका
मन मत ना थूं तरसावे रे आजा परणियोडा
अरे परणियाने यूं गोरी बुलावे
कालू के सिट में गावे रे आजा परणियोडा
अरे बालम तारी दों रे बाता
अरे पड़ी रे पलंग पे काऊं रे पछाटा
मन मत ना थूं तरसावे रे आजा परणियोडा
अरे फूल गुलाब सो मुखडो मारो
मारो दील पसीनो आवे रे आजा परणियोडा
अरे बालम तारी दों रे बाता
अरे पड़ी रे पलंग पे काऊं रे पछाटा
मन मत ना थूं तरसावे रे आजा परणियोडा