गाउ खलीला पर लहातपुर में मंगल की दिन जै बाबा की चोकी लगती है
बाबा के भग किर्टन करते हैं तो के बाला जी महाराज जब भी संकट काटे हैं वो किर्टन के मादर से ही काटते हैं
खलीला पर लहातपुर में बाबा के जै कारे लगते हैं और भगत कैसे भगवान का किर्टन करते हैं आये गृण सुनिये कैसे
बाला जी तेरा रूप निराला है
बाला जी तेरा रूप निराला है
बाले रूप कित पंच मुखी कित लाटे आला है
बाला जी तेरा रूप निराला है
बाला जी तेरा रूप निराला है
कोई कहे तन सिव्य वित्तान
कोई कहे तन मुख दर दरि
कोई कहे तन राम पुजारी
मेरा मेरा में इसी जबता माला है
बाला जी तेरा रूप निराला है
बाला जी तेरा रूप निराला है
बाला जी तेरा रूप निराला है
बीच भवन में कूँ अजमावे
तीन पहाड पर वचन भरावे
समाधी पर मार गिरावे
पचना मेले संकट कागण तू रखवाला है
बाला जी तेरा रूप तेरा ला है
बाला जी तेरा रूप तेरा ला है
पैर प्रेतेरा
राज का बंधन
भर समाधी आड़ कमंधन
मा कःली ने पूछे जन जन
बाल खिड़ा चैया विकाल का बात चाणा से
बाला जी तेरा रूप तेरा ला है
बाला जी तेरा रूप तेरा ला है
गोशिक मैं तेरा हाथ बलाजी
असो के भगत के साथ बलाजी
सोनू करे भुबाद बलाजी
अपने भगत के दिल में लड़ता साधा उचियाला है
वाला जी तेरा रूप निराला है
बाली रूप कित पंच भुखी किते काटे आला है
वाला जी तेरा रूप निराला है
वाला जी तेरा रूप निराला है
वाला दिन तेरा हूँ तुन्दि आदा है