मंगलवार के दिन एक दुखिया खलीला प्रलाहत्पुर में पहुँँच जाती है
जैसी भवनों में प्रवेश किया शरीर में जो संकट था तो पेसी थी खेलने लगती है
कभी दरबार में नून जाके दे नून जा और आजवड के प्राथ्वा करती है
कैसे
काट दे बापा
काट दे बापा
काट दे बापा
काट दे बापा
रोगे
काट दे बापा
काट दे बापा
काट दे बापा
काट दे बापा
अरे
काट दे बापा
काट दे बापा
काट दे बापा
काट दे बापा
रोगे
काट दे बापा
काट दे बापा
दे तेरा देटू लाल लहो रुपवाला दी मेरा रोकान दे
संकटे बैरी मन गणा हो सतावे
संकटे बैरी मन गणा हो सतावे
बिच ज्याहां जाड़ी कोण खुलवावे
बिच ज्याहां जाड़ी कोण खुलवावे
मैं तो गई पाया मैं लोट
वाला दी मेरा रोकान दे
तेरा लाउ सवामनी रोट
वाला दी मेरा रोकान दे
मेरा रोग काट दे
पूछक गाम खलीले मैं आई
पूछक गाम खलीले मैं आई
दुनिया के माथो करे खाई
शाना ने लूटे लिये नोट
वाला जी मेरा रोग काट दे
पेड़ा लाओ सवामनी रोट
वाला जी मेरा रोग काट दे
एक है माड़ा बैठी जान में
एक है माड़ा बैठी जान में
एक है माड़ा बैठी जान में
एक है माड़ा बैठी जान में
एक है माड़ा बैठी जान में
सोनु भगत लग्या महीमा गान में
तेरे सेवक में कोन्या खोट वाला जी मेरा रोग काट दे
तेरा लावू सवामनी रोट वाला जी मेरा रोग काट दे
तेरा लावू सवामनी रोग काट दे
तेरा लावू सवामनी रोग काट दे
तेरा लावू सवामनी रोग काट दे
तेरा लावू सवामनी रोग वाला जी मेरा रोग काट दे