ابنہ آؤں تیرے دوار سنہ انجنی کے لعی الہ على جی
सुन अझनी के लाला जी बात बता दे क्यों ना खोला मेरी किसमत का ताला जी
पैसे होते चांदी की एक गदा तेरी बनवा देता
रोट लगाना सवामनी क्या भंडारा लगवा देता
निर्दन की कब सुनता मेने भिर्दे में लिख डाला जी
बात बता दे क्यों ना खोला मेری किसमत का ताला जी
बात बता दे क्यों ना खोला मेری
किसमत का ताला जी
जिस दिन अंजनी मात मिलेगी तेरी सिकात लगाऊँगा
मेरी बिगड़ि नही बनाई एक-एक बात बताऊंगा
जिस दिनांजनी मात मिलेगी तےरी सिकात लगाऊँगा
مेरि बिगड़ि नही बनाई एक-एक बात बताऊँगा
मेरे घर में अंदकार घणा
औरो के किया उजाला जी
पूजा में कोई कमी न छोड़ी जैसी मुझे को आती फी
उससे जादा माला फेरी इतनी मुझे को बाती फी
मेरी रक्षा क्योना कीतो हैं दुनिां का रख्वाला जी
بات بتا دے کیوں نہ کھولا میری قسمت کا تانا جی
خطا کمل سنگ جتنی میری بابا میں سوکار کروں
میری عرجی سن نہ پایا کتنی کرن پکار کروں
اب نہ تیری عرجی لگاؤں اب نہ فیرو مالا جی
بات بتا دے کیوں نہ کھولا میری قسمت کا تانا جی