ना जादा छो मैं आया कर ला इतना गुस्सा थाया कर खिजाई हो जागी
लड़ाई हो जागी
ना मनने तू बहखाया कर कद धाम पहले जाया कर भलाई हो जागी
मन चाही हो जागी
तू जिस दिन ते मेरा आयी से मेरी जान फसी से भंदे मैं
मैं धाम पह जाना चाहूं सू तल टैम नहीं से भंदे मैं
मेरी खेत में रोटी लाया कर मेरी काम में आत बढ़ाया कर कमाई हो जागी
लड़ाई हो जागी
लियां गथ चोड़े आओली भी मारी भी धोक बाकी से
है बाने मारन मैं गोरी पूसब ते ही डाकी से
बगती में ध्यान लगाया कर तू बुन बापा के गाया कर बढ़ाई हो जागी
लड़ाई हो जागी
मैं बात मान गया तेरी रे तू घर में राड़ जगा वैसे
नन जानू सुशील काणा मैं तू कितना मनने जावे से
ना इसना मुखो लायक तू सीडा करके खावे ना हसाई हो जागी
लड़ाई हो जागी