निष्चे प्रेम परदीत ते बिने करे सनमान। तेही के करच शक्ल सुभर सिद्ध करे हनुमान।जैहनमन्त संत हितकारी सुन लीजे प्रप्रज्जारी। जनके काज भिलम ना कीजे आपिर दौर महासुक दीजे।जैसे गोधि सिन्तु महिवारा संसमदन पैद विस्तारा। आगे जाये लंगनीरोका। आरो लाद गई सुरलोका।जैहनमन्त भिष्णको सुक दीना। सीतारिर घब्रन पदलीना। मारो विजार सिन्तु महमोरा। अतियातुर जम्भातर तोरा। अश्यकमार कुमारी सहारा।आरो मलपेट लंग कोजार। लह समान लंग जर गई। जैह जैह दिनु सुर्पुर नभ गई। अंभ भिलंभ केहिकार स्वामि। गिर्प करूर अन्तर्यामि। जैह जैह एक निप्राण केहिदाता। आदर हो दुख करू निपाता।जैह अरुमान चंति बलसागर। सुन समरु समरत बटनागर। ओम अनुम अनुम अद्धा दिले। बैहे अनुम ज़र के तीले। ओम हे भे अनुम अद्धक पीसां। ओमु हनुक्वरे उसी। पंचनि पुत्र वहाँ बने बनता। शंक्र सोन भीर हनुमत्ता।बदनक्राल गालकुल घालक रामसहायसदा पतिपालक भूत प्रेत विशाज निशाचर लगनिवताल कालमारीमदिने मरूतो शक्त रामकी रघुनातमर जाद नामकी अत्य होय हर शक्त पाईके रामदूत दर्वण उधाईकेजै जै जै हमन्त यगाता दुपावत जन कई अपराता पूजा जब तपने भी अचारा नहीं जानत कुछ दासत मारावनूप वन अगधी रहमाही निमरे वन हम धरपतनाही जन कसूत हरितास काहावो ताकि शम्त बिलंग नदावोजै जै जै जिन्भोति अकासा, सुमृित हइत सूधु कणासा, चर्ण पकर कर जोरे बनावो, रहिरा सरव केहि कोहरावोगिट उट चल्तो हिरामद हाई, बाय भरोकर जोरे बनाईआम चैंच अम चैंच अम शपले चिलन्तडऴ।।.॥ बوعम हम maybe १००००॥तर सम सम सम प्रामिखल तर अपने जन को तूत वारो सुम्रित होई अनन्द वारोयह बजरंग वान जो वारे तही कोई फिर कोई वारेपाठ करे बजरंग वान की धन्मत रक्षा करे पान कीयह बजरंग वान जो चाले तासो भूत प्रेक सब कापेदूप तरी जो चपे हमेशा दाके तन नहीं रहे कड़ेसाउरुपर्ती कद्रण सम है पाठ करे धर ध्यानबादा सम्हर करे सब काम सफल हमाँजै श्री रामजै श्री राम
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