प्रतं बंदि गण नाईक ही
सब देवान सिर्मोर
हमनी के भीम पठी के बैजु बाबा
ठाना सापुर जिला भोजपूर के महां संत
आई सिवा संत सब के उलोग कता
लेकिन एक आदमी के भी नाँ
सिरी बैजु बाबा के बहुत याद आवे
सिवा या सथान रोडा बिनु काट धावे
सिरी बैजु बाबा के
बहुत याद आवे
हो हो
सिवा या सथान रोडा बिनु काट धावे
सिरी बैजु बाबा के
बहुत याद आवे
संतों में संत बैजु बाबा करें
संतों में संत बैजु बाबा करें
नर रुप में आके नहीं केहु से चिनहें
राऊर लीला
समुझ में आवे
सिरी बैजु बाबा के बहुत याद आवे
कोबन को सूर चली गईनि
नाता तोड के
बीच मज़धार कहे भौमनी के छोड के
भट कल बानी राह केहु ना बतावे
सिरी बैजु बाबा के बहुत याद आवे
कि करा ना मिल आसिर बात ये घटवार से
खाली ना लोटल केहु एह दरबार से
जे नाम लिहल वो कर
आसरा पुरावे
सिरी बैजु बाबा के बहुत याद आवे
सिवयस थान हों परसो से जाईला
पापा के समाधी पर
सिरवा जुगाईला
लागे लाग के हुँ खुब के
लागे लाग के हुँ खुब के
धीरी जद खरावे
सिरी बैजु बाबा के बहुत याद आवे
सिवयस थान रोवरा बिनु काट धावे
सिरी बैजु बाबा के बहुत याद आवे