हों मैं तो बहुत घणी दुकूपाी
भोले जी तुमसे ब्याह कर के
बयाः कर के
ब्रत टेरी हो गयी मण की च्याही
भोटें के घर आ कर के
हऋं मैं तो बहुत घणी दुकूपाई
भोटें जी तुमसे ब्याः कर के
प्रत पेरी हो गई मन की चाही भोले के घर आ करके
देखी न कदे मांग भर के
हाँ मांग भर के
प्रत पेरी हो गई मन की चाही भोले के घर आ करके
मैं तो बहुत घड़ी दुख पाई भोले जी तुमसे व्याह करके
सर्प लपेट तु गल में काले मन के मेरे रह दे रखवाले
सुम तो डर डर के डर डर के प्रत पेरी हो गई मन की चाही भोले के घर आ करके
आ करके मैं तो बहुत घड़ी दुख पाई भोले जी तुमसे व्याह करके व्याह करके
कहे के लाश तु पास ना आवे रास रंग मुझे को नहीं भावे
तो मर मर के हां मर मर के प्रत पेरी हो गई मन की चाही भोले के घर आ करके
आ करके मैं तो बहुत घड़ी दुख पाई भोले जी तुमसे व्याह करके व्याह करके
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