बहु पटकेसी
मथ है बिंदी हाथ मचूडा सबते लग मरजानी
मारे अंगन भी चली रे बाद ये साखे की
मन भ्याके ल्यानी से ल्यानी रे बहु पटकेसी
भ्याके ल्यानी से हमने भी बहु पटकेसी
कहूँ पढ़ा कैसी
गड़ी सुतरी वासा यारो फूलती सारा चेरा
मेरी बाट वा देखे और मैं जाओं बांद कशेरा
कहूँ पढ़ा कैसी
गड़ी सुतरी वासा यारो फूलती सारा चेरा
मेरी बाट वा देखे और मैं जाओं बांद कशेरा
मैं साथ फेर लेकर बहुल्याओंगा गिरकानी
मेरी माँ और बुआ वार वार के भीवेंगी रपाणी
मैं साथ फेर लेकर बहुल्याओंगा गिरकानी
मेरी माँ और बुआ वार वार के भीवेंगी रपाणी
जब धेली पे बरटे के चल ले बातर धाके सी
रभ्या केलियानी से हमने भी बहु पटाके सी
प्याग के लियानी से हमने भी बहु पटा के सी
कहना फरिया मखंड या बुमारे भी आवेगी
जब यांगन में दिखे की तूरे भी रोन कसी चावेगी
महरे गम में बहुआ की चली बात फराटे सी
प्याग के लियानी से हमने भी बहु पढा के सी
प्याग के लियानी से हमने भी बहु पढा के सी
प्याग के लियानी से हमने भी बहु पढा के सी
पड़ा कैसी
पड़ा कैसी