आई भीया
ओश समय के बात बाई
राज़ा दसर जी से
के कई मता बर्दान मांगता री कैसे
राम के चोदा वरश खाती बन जाये के मांगता री
अब हर था अपना बबुया के
कहा तरी के राज़ बट के मालिक बनावे के बाई
जब तना बात जब
राज़ा दसर जी जननी
छाती में मुके मार गण ये के काई
तू हमारा जी पनान ले लेलू
तहरा मांगता री धन सोना सोब लेले तू अकि तू यी का मांगलू
तापस भेश विशेश उदासी चोदा बरश राम बनवासी
अतना बात जब जननी छाती में मुके मार के कहा तनी कैसे
काई याई सन बगलू बारा
नवाई बबुआ के वाई
कैसे काई याई सन
बगलू बारा नवाई बबुआ के वाई
आगे कहते हैं
अईसे काई सन बत्तिया सूना आयिल तोहरा मान में
बिनारे पिचारे बोली
देल वे के छाल से
देल वे के छाल से
देल वे के छाल से
अन धन लेला चाहें
ये बबुआ के वाई काई याई सन बगलू बारा नवाई बबुआ के वाई
आतना जब आत जब
अजो देया के जब नर नरी लोग जानन
जी बन में जाता रहे सबलो रोवे लगता कहाता करीशे
रोव तारे नार नारी
अपत तारा नावारी
लगता कि माती के हुँ लेला समारी
मारी हो के बोलेलू
अरे बबु आखे मारी
अईसे कही सन्पतिया सुना
आयीली तोहारा मान में
दल्वे के चान दे वो दल्वे के चान
अन धान लेला
वो चाहें अन धानन लेला दाना वाये बबु आखे मारी
कहे आयी
सन्पतिया सुना आयीली तोहारा मारी वो
नवारी पर लिए लेला नारे बबु आखे मारी
नहीं आईसार मंगल बारे दान महें पबुच आके महें