पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
बुने गाऊ बाऊ गाऊ सोगर तेरा मुझे चरणों में जगा दी
बुने गाऊ बाऊ गाऊ सोगर तेरा मुझे चरणों में जगा दी
तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
हैरान है जमाना मन्जिल भी मिल रही है।
पत्वार्य के बिना ही मेरी जिन्दगी बना दी।
प्रिणाव चल रही है। हैरान है जमाना। मन्जिल भी मिल रही है। धीरान जिन्दगी को।
धीरान जिन्दगी को तेरे खुश्बू से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तुम साथ हो जो मेरी किस चेज के कमे है। किसी ओर चेज के अब तरकार ही नहीं है।
तुम साथ हो जो मेरी किस चेज के कमे है। किसी ओर चेज के अब तरकार ही नहीं है।
। साथ हो जो मेरे इस चीज की कमी है। किसी और चीज की अब दर्कार ही नहीं है।
गुणे गाऊं तेरा हर गम। जो चरणों में पना दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
मैं तो नहीं हूँ काबिल तेरा मार कैसे पाऊ।
टूटी हुई वाणीसें।
गुणे गाऊं तेरा हर गम। जो चरणों में पना दी।
पुण गान कैसे गाऊँ? मैं तो नहीं हूँ काबिल, सेरा मार कैसे पाऊँ? तूटी हुई वाणी से पुण गान कैसे गाऊँ? मुझे जान सब जमाना
मुझे जान सब जमाना तूने है वो वजा दी, तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी