हरे ओंग जानन भूति गनाधि सेवितम
कपीत जंबु भल चारु वक्षणम
ओमा सूतम सोके विनासी कारिकम
नमामि विगने स्वर्पाद पंकजम
उलोगनेजी महराजी की
जैयो
बर्माननद परम सुक्दम केवलम
ज्यान मूर्तिमं दंधवातित गगन सेध्रिशम तत्तम शाधि
लक्षम एकम नित्तम विमलमचलम सर्वादिशाक्षि भूतम भावातितम
तिरगुणरहितम सत्गुरूतम नमामि अखंड मंडलाकारम व्यापतम
येन चराचरम तद पदम दर्सितम येन तसमय स्रीराजकुम
बोलो पपने गुरूदेव महराज की जैवो
पापा श्याम जे हम आये थारे दौरे
पापा श्याम जे हम आये थारे दौरे
ते चल के आए थारे दर्सन के पापा आचा लियाए
की जल्दे आ जाओ
थारे नाम के बुले जे कारे पापा श्याम जे हम आये थारे दौरे
खुस मनाओं
फिर पे आओं थारे दर्सन जो पापा हमने मिल जाओं
के ढोल बजाओंगे के ढोल बजाओंगे हम
गाओं गे किर्तन भारे पापा श्याम जे
हम आये थारे दौरे
ये डोल बजावेंगे हम गावें किरतन थारे
दरसन तुमने नहीं दिये जो अरे मापुरे बपा नहीं किये तो
क्यों उल्टे ना
जाओंएं तरे दरप मरेंगे कारे
बापा स्याम जे हम आए थारे दौरे
बापा स्याम जे हम आए थारे दौरे
विश्नु कुमार थारे महिमा गावें थारे चरण में बापा जी से जुकावें
कि जब से प्यारे कि जब से प्यारे कोरो राज
कुमार मारें बापा श्याम जे हम आए थारे दौरे
प्यारे हैं गुरुराज़ पुमारे मारे
बाबा श्याम जी हम आये थारे द्वारे
के दर्शन दे
जोने हम आये दर्शन के मारे
पुमारे मारे बाबा श्याम जी हम आये थारे द्वारे