बाबा खोड़ी में तपे करे हरी के भजन
दूना जलता खंड दूना चड़ता गगन
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी के भजन
दूना जलता खंड दूना चड़ता गगन
गामिल बुरकाली खोली बैठे आसनवार
गामिल बुरकाली खोली बैठे आसनवार
कोई बताओ ऐसी उसंकर कोई कहते किस्मुरार
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी का भजन
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी के भजन
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी का भजन
पंदर जो इन की सन में आता भर व्यते भरणर
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी बाबा
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी का भजन
सुकल दोज को भरता मेड़ा लगती बीड़ या पार
सुकल दोज को भरता मेड़ा लगती बीड़ या पार
दूर दूर के जातियां में लंबी लगे के तार
बाबा खोड़ी में तपे करे हरी का भजन
केलाद शंद बी करता तू जा रहा चड़न चुछकार
केलाद शंद बी करता तू जा रहा चड़न चुछकार
केसर आप तो भूज में ही पार
बाबा खोड़ी में तपे करे रहा चड़न चुछकार
केलाद शंद बी करता तू जा रहा चड़न चुछकार
केसर गुजर ले सुर भर के करता है परचार बाबा खोड़ी में तपे करे हरी का भजन