सुनाये पुझरिया बाबा के दुवरिया
कवरिया नाँच चमाच्छम
कवरिया नाँच चमाच्छम
सुनाये पुझरिया बाबा के दुवरिया
बरस ले सावनी बदरिया
कवरिया नाँच चमाच्छम
कवरिया नाँच चमाच्छम रे कवरिया नाँच चमाच्छम
बाबा का महिमाबः सबसे निराली हाली हाते आवे लोगलोग ते न खाली
जलवा के भर के कामर उठाली करके हो भगती जिन्गी सजाली
गों y çho y y yo yo yo yo yo..
पपं पूतर जिओ आनू पर्सिय
बोला हो बरहर बंबं के बोली आई जी मनवा के आख खोली
देखा हो जाले कंवरियन के तोली थैले इबाडन बंबं के गोली
चला ये पुजरीया बाबा के नगरीया
कंवरीया नाच चमा चम
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