बारिशें जो हुई पिरसे मुझको तेरी याद आई
खाईशें जो भी थी खुद से मैंने जाने क्यों जो पाई
हसरते छोड़के कैसे खाब सारे तोड़ दू मैं
आजजी भूलके
तनहा दिल पे दस्ता कैसे दू मैं
बारिशें जो हुई पिरसे मुझको तेरी याद आई
पल्को पर ख्वाब सचाए वो क्या अश्कों में पैगई सब उफाई वो
वो भी जाग था ता मेरी आमदो के खातर अफसोस अब दिल के मकबरे पर भी ना आए वो
तेरी रस में जुदाई का अंदास कुछ और भागता हूँ जालू की ओर
खा गया हूँ तारीकी का डर गुजर चुका हूँ जफ़ाओं का दोर
उन पर्दों के पिछे जहां कोई चुबा हूँ नहीं है क्या खुलूस से मिलू जब कोई जुस्त जू नहीं है
उसे जीने की पड़ी है दुलना खुदखुशी करी है मैं क्या बताओ तुम्हें कि गलत फैमियां पली है
खुद को खो दिया है तुझको पाते पाते जहां और भी है ले चलो अस्मा से आगे
यानि तु बारिशों के साथ रंग मर्ब तबा बुलन तु सर्दियों के दूप किसको तु नहीं पसंद
क्या हो अब हम डूबने से ना मरे अगर क्यों ये खमोशे शोरे सी है कुछ तो कर
I need someone who can love me at my worst कौन बेलाएगा इस दिल को कौन सुनेगा मेरा दर्ज
रहते छोड़के कैसे खाब सारे तोड़ दू मैं आजजी भूलके दनहा दिल पे दस्ता कैसे दू मैं
पर अब ना साता मेरे तेरे ये फसारे है लेकिन अभी कुछ अदूरी सी वो बाते
रातों में यादे बाते
जुटे तेरे वादे भूला नहीं हूँ यादे
पारशे जो हुई पिरसे मुझको तेरी याद आई
पारशे जो हुई पिरसे मुझको तेरी याद आई
हूँ