वन्दे मात्रं वन्दे
राजगुरू सुखदेव भगत में अपनी जान गवाई थी
कई मुफ़ाड कहते थे चर्खे से अजाती आई थी
राजगुरू सुखदेव भगत में अपनी जान गवाई थी
कई मुफ़ाड कहते थे चर्खे से अजाती आई थी
वन्दे मात्रं वन्दे
राजगुरू सुखदेव भगत में अपनी जान गवाई थी
बटुकेश्वर गट ताक्या टोप्टे सावर कर की बात करो
देश प्रेम में शहिद हुए उन योधाओं को याद करो
जब मंगल पांडे ने आजागी की पहली बोली चलाई थी
कई मुह भाड कह देते है जर के से आजादी आई थी
खुदी राम फासी पर धूलरी
जाने ये दुनिया सारी चंद्र से खर आजाद रहे मरते दम तक वो बलकारी
आजाद हिंदने ताजी ने अपनी एक फोज बनाई थी
कई मुफाड कह देते हैं जर्खे से आजादी आई थी
बन्दे मातरों बन्दे
बलिदान हुए कितने वीरों का
इतिहासों में नाम नहीं
भी के शर्मा कर नमन शहादत वीरों का सम्मार यही
अंग्रेजों से कुब लडी वो राणी लक्षमी बाई थी
कई मुफाड कह देते हैं जर्खे से आजादी आई थी
कई मुफाड कह देते हैं जर्खे से आजादी आई थी
पंचम मेर्जेक
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