जैश्रीराम जैश्रीराम जैश्रीराम जैश्रीराम
दिवाली क्यों मनाए न हमारे राम आये है
दीये हम क्यों जलाए न हमारे राम आये है
जैश्रीराम जैश्रीराम
जैश्रिराम जैश्रीराम
किوں पावन है ये शुब अवसर अयोधाराम आये है
भुलादो दुख उने हरने प्रभू शीरीराम आये है
मेरे जैश्रीराम
जैश्रीराम
जैश्रीराम
जैश्रीराम
जैश्रीराम
हमारी चौगनी खुशिया
ये चौखट पर सजाएंगे
तिलक माथे लगायेंगे
हाँ दीपक हम झलाएंगे
हमारी चौगनी खुशिया
ये चोखट पर सजाएंगे
तिलक माथे लगांगे
हाँ दीपक हम झलाएंगे
बदहाई क्यों जताये ना
हमारे राम आये है
दिये हम क्यों जलाएंगे
दिवाल क्यों मनाये ना
हमारे राम आये है
दिये हम क्यों जलाएंगे
हमारे राम आये है
शुपाइ ना शुपै आसू
ये भक्तों की नग�home से
ये आखों के उजाले अब
जो फिरसे लोट आए है
शुपाइ ना शुपई आसू
ये भक्तों की नगाहों से
ये आखों के उजाले ऐब
जो फिरसे लौट आए है
नैन क्यूं छिल छिलायना
हमारे रामाईं है
दिये हम क्यों जलायना
हमारे रामाईं है
दिवारी क्यूं मनोजलायना
हमारे रामाईं है
दिये हम क्यूं जलायना
हमारे रामाईं है
दिवारी क्यूं मुझे नगशा
हमारे रामाईं है
दिये हम क्यूं जलायना
हमारे रामाईं है
जय श्रीराँ
जय श्रीराँ
जय श्रीराँ
जय श्रीराँ