है गुलबदन है गुलबदन फूलों की महक काटों की चुबन तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मोहवत ना हो जाए
गुलबदन है गुलबदन फूलों की महक काटों की चुबन तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से मोहवत ना हो जाए
गुलबदन है गुलबदन फूलों की महक काटों की चुबन तुझे देख के कहता है मेरा मन
कहीं आज किसी से महबत ना हो जाए
क्या हासी मोड पर आ गई जिन्दगान
के हपीपत न बन जाए मेरी कहानी
क्या हासी मोड पर आ गई जिन्दगान
के हपीपत न बन जाए मेरी कहानी
जब आहें भरे ये ठंदी पवन
सीने में सुलग उठती है अगन
तुझे देख के कहता है
मेरा मुझे पवन
कहीं आज किसी से मुहवत ना हो जाए
कहीं आज किसी से मुहवत ना हो जाए
मैं तुम्हीं से यूँ आंके मिलाता चाहिए
कहीं आज किसी से मुझे पवन
कहीं आज किसी से मुझे पवन
कहता है मेरा मन कहीं आज किसी से मुहवत ना हो जाएं कहीं आज किसी से मुहवत ना हो जाएं
ए गुलबदन ए गुलबदन फूलों की महक काटों की चुबन तुझे देख के कहता है मेरा मन कहीं आज किसी से मुहवत ना हो जाएं