जब एवजा कुछ पर जीलेतु खामखा कुछ पर जीलेहर शाम घर जाने वालीआदत सरा तु बदल भी लेबुरा नहीं कभीकभी जो तु तरा सा हो बुरातो जिन्दगी की जेब सेतेरे है जो वो लम है चुराथोड़ा सा बाराये दिल जो ना हुआतो उम्र येतेरी उड़ी जैसे धुआथोड़ा सा बाराये दिल जो ना हुआतो उम्र येतेरी उड़ी जैसे धुआजैसे धुआथोड़ा सा बारासारी रातें नींदों के खाते में तु जमाना करानाकभी कभी अपनी उड़ानों को भी खुद तु आजमानातलाश ले कोई चांदतू आसमा को जुका ले यूँ खाहिशों को ना बांध तूपहरे दिल्गी उड़ानों से हटा ले बुरा नहीं कभी कभी जो तू सरा सा हो बुरातो जिंदगी की जेब से तेरे है जो वो लम है चुराथोड़ा सा भारा ये दिल जो ना हुआ तो उम्र ये तेरी उड़ी जैसे धुआथोड़ा सा आवाराआवाराआवारा