अडि मुडे ओ जानी मुडे, मत्था बिठवा छुडे।
अडि मुडे ओ जानी मुडे, मत्था बिठवा छुडे।
अडि मुडे ओ जानी मुडे, मत्था बिठवा छुडे।
तू अनाजक दिले बरडो, मन्य अरज मुझो हिकडो, नवन्य तू अजे रात, वस तेज पई बरसात।
मिन्था मुझी ही मन्य तू सुबुथे भली पवन्य तू।
अडि मुडे ओ जानी मुडे, मत्था बिठवा छुडे।
नवन्य तू अजे रात, वस तेज पई बरसात।
मिन्था मुझी ही मन्य तू सुबुथे भली पवन्य तू।
अडि मुझी ही मन्य तू सुबुथे भली पवन्य तू।
मिन्था मुझी ही मन्य तू सुबुथे भली पवन्य तू।
अडि मुडे ओ जानी मुडे, मत्था बिठवा छुडे।
मिन्थ मुझी ही मन तू सुबुथे भली पोवन तू
तिर की पवै नपिर्डो मिट्टियमे थे नमिर्डो नवन तू अजे रात वस तेज़ पई बरसात
मिन्थ मुझी ही मन तू सुबुथे भली पोवन तू
मिन्थ मुझी ही मन तू सुबुथे भली पोवन तू
अडि मुडे ओ जानी मुडे मत्था विठो आजुडे नवन तु अजे रात वसे तेज पै बरसात मिन्थ मुझी ही मन तु सुबुथे भली पोवन तु
असगर मुगेरी प्यारो असगर मुगेरी प्यारो अथे जे बढ़े वारो नवन तु अजे रात वसे तेज पै बरसात
मिन्थ मुझी ही मन तु सुबुथे भली पोवन तु
मिन्थ मुझी ही मन तु
अडि मुडे ओ जानी मुडे मत्था बिठो आजुडे नवन तु अडि रात वसे तेज पई परसात मिन्थ मुझी ही मन तु सुबुथे भली पवन तु