जय शति मईया
उदि उदि उदि न एहो सुद्गोचविया
रत भया गोरी घाट कोईनी पुझाए नैना बाया सरामे दरसं देखाए
और रघिया लेले
अधित गोसैनी
और रघ के ठाली लेके नाद बेचे खाड़ जी
माफ करब गलतीया रजकार सवीकार जी
माफ करब गलतीया रजकार सवीकार जी
पुझाए ना दूख बते दरसं के भूख बते
और रघिया लेले अधित गोसैनी
और रघिया लेले अधित गोसैनी
जय शक्ति मईया
उभी उभी उभी दा एहो सुद्ग गोसैनी आ
हुआ
हूआ
जहान बते