अरेक्ति की जेहानु मार।
अरेक्ति की जेहानु मार।
दुष्ट दलन रभुनात कला की
जाके बल से हीरी वर कापे
रोग दोश जाके निकट न जापे
अंजनी पूत्र महा बलदाई
संतन के प्रगु सदा साहाई
देबी राँ रभुनात पठाए
लंका जारी सिया सुधिनाई
लंका सोकोट समूत्र सिखाई
जात भवन सुथ बार न लाई
लंका जारी असूर संघारे
सिया राम जी के काज सवारे
लच्मण मुर्छित पड़े सकारे
आनी संजीवन प्रान उबारे
पैठी पताल तोरी जमकारे
अही रावन की भुजा उखारे
बाये भुजा असूर दल मारे
गहिले भुजा संत जन बारे
सुनर मुनी जन आरती उतारे
जय जय अनुमान उचारे
चंचन ठारे कपूर लोच्छाई
आरती करत अंजना माई
जो अनुमान जी की आरती गावे
कुन्ट परम पद पावे
लंक विद्वन्श योर घुराई
कुल सिदास स्वामी की रती गाई
आरती कीजे अनुमान लला की
तुष्ट धलन रघुनात कला की
आरती कीजे अनुमान लला की
तुष्ट धलन रघुनात कला की