अपुन जैसे टपोरी को क्या मालूम
सला प्यार किस चीडिया का नाम है
लुखा गिरी करके अपना टाइम पास होता है
बीडी पांचाय मिलता है बास अपुन खुश
ये प्यार का लफड़ा लोचा काई को
काई को अरे काई को रे
फिर बोले तो एक दिन अपुन के महले में हैमाई
सदा अपुन का खोपडी चकर खा गया
त्रक के साथ दिल सलक टकर खा गया
चाइला क्या सूरत थी वो क्या
क्या कहते हैं
हाँ जुल्फें क्या जुल्फे थी
चल दी थी एकदम हो आगे माफिक
आगे ऐसी के रुका दे ट्राफिक
अपुन सोचा अपुन का बेड़ा पार हो गया
बोले तो बाप साला अपुन को भी प्यार हो गया
दिन बार अपुन उसकी खिड़की के निच्चू
कोई लफडा नहीं कुछ नहीं
तीन दिन नाजीस से राडा
ना उसमान से पंगा
बास चूप चाप
पहली बार लड़की देखी
और सीटी नहीं मारी
आँगे मिल भी जाती तो
तो क्या आँग नहीं मारी
अपुन का बेडू लोग साला डर गया
बोला क्या भी मुन्ना साला
तू भी सो दर गया
फिर एक दिन उसको देखके कलन बोला
ए मुन्ना भाई वो देखके कहया मैं जा रहे लिया बाब
अपुन का खोपडी संका
कलन को पकड़ा और बोला
इदर आश्चाने तेरे को कहया मैं दिकाता हूँ
साले को इतना धोया इतना धोया
अभी तक थोबड़ा वाकड़ा है
और आज तक अपुन के साथ उसका 36 का अकड़ा है
समझा? समझा क्या?
फिर हिमा का क्या हुआ?
फिर एक दिन वो अपुन को देखके हसी
अपुन बोला बाब हसी तो फसी
लगता है वो बिल अपुन पे विदा हो गई
दो दिन के बाद उसकी शादी हो गई
अपुन के सामने वो घर से विदा हो गई
उसकी डोली उठी अपुन अपुन उदर रीच खाड़ा था
लेकिन वो अपुन को नहीं देखी
वो रात अपुन दो बजे तक पिया
सला एक सपना देखा था
लेकिन माँ कसम एक आसु नहीं रोया
क्राइको रोयेगा क्राइको रोयेगा
साला अपुनी जी एड़ा था न
अगले दिन वाईच पहले के माफिक लाइफ चालू
वाईच गंदे ग्लास में चाया वाईच पान बीडी
हाजीज को इतना मारा इतना मारा
लोग समझे वो मरेगा
बूलने का आए, बूलने का आए, बट क्या करेगा
सपणा तूटा है तो दिल कभी जलता है
हाँ थोड़ा दर्ध हुआ पर चलता है
सपणा तूटा है तो दिल कभी जलता है
हाँ थोड़ा दर्ध हुआ पर चलता है
फिर, फिर क्या हुआ?
फिर, फिर क्या?
अगले दिन अपने महले में
आईश्वर्या याहा
अपना घोपिडी फिर चक्कर खा गया
दिल ट्रक के साथ फिर टक्कर खा गया
चापा
चाइला क्या दुरत थी?
आई आखे ऐसी के