भरिभरि आजूरी से फुलवा लोटाई वहे अपना स्री रामजी के फुल से सजाई वहे अपना स्री रामजी के
गंगजी के नीरेमाल पन्याले याई वहे अपना स्री रामजी के चरणा पाखार वहे
अपना स्री रामजी के चरणा पाखार वहे अपना स्री रामजी के
अंगना ले पाइब हमार्चो का पुराई वहे
अपना रखो नन्दन जी के
अगणाले पाईब हमाँ चोका पुराईब अपना रघुनन्दन जीके अरती लगाईब
सोनिके ठाली में भुगवा लगाईब है अपना श्रीराम जीके फुल से सजाय बहे
अपना श्रीराम जीके फुल से सजाय बहे
मने परसान होई पके दरसन हो जगमंग करी हमारे घरवायांगन हो
पड़ते चरान्योन कर धन्य हो जाई बहे अपना स्रीरामजी के फुल से सजाई बहे