सनि ये जीजरवा आई ससुरारी साथे में लेले आई बापन सफारीसनि ये जीजरवा आई ससुरारी साथे में लेले आई बापन सफारी या पंसाली के मन्सा पुरा ते जीजजीभग्वा के मिला मे भिर भारी होला, खाये ना पै बुसाली चाती अउरी छोलाभग्वा के मिला मे भिर भारी होला, खाये ना पै बुसाली चाती अउरी छोलाहाम घोम के राज, अरे सुना, तो सुनाईतुनि ये जी जाना बनाई बहाना, भुल जाई ब्राउ पटली खादे हो थानाबुझाताना, अरे हाँ हो बुझातानी, फुब बुझातानीसुना ये साली हाम कहातानी सच हो, धिर्भाड में होला बहुते तो टोच होतनि के मेदु अने सा जाई बू, आरे काहे नाई को समझो, का समझेभग्मा के मेला में भुला जाई बु, आरा के मेला में भुला जाई बूसासारा मेला में भुला जाई बु, तिहरी के मेला में भुला जाई बु, ये सालीहम्रा यासारा पे पानी मत खेरी, घर सरके रहुँ यह ना टक्खाकाई हो, देर पानी फेरा ता तरा तरा पा, अभुला जिभू, ता का तरा हम मेला वालीबैचके रोई हो, हम जब ताने खुमर दे गाईका समझी, हमके मेला खुमाई तो घुमाईतोही नरन्दर जिज़ा भले कुछ होई, ना घुमो मेला तो मन हमरोईसुना ये साली हमार मनभूना बात हो, चली जा मेला घुमे यर बिन्दे के साथ होनाही घुमाबू तो तु खिसी आजाई, बात होनाही घुमाबू तो तु खिसी आजाई, बात हो