एसाया कही कावन सेवा कारी,
खिसमरल बोले देनी मुहला गलबाडी
साजल से जरी आग छोडके भुयासो तलबानी का
अपना धोनिया से राजाजी रूसलवानी का
रावन रहे
सुनि जावन काही दावन कारब रोव रहे मान से
रोव रहे मान से
जोली खाना खाली मुह फेरी जोनीयान से,
फेरी जोनीयान से
तानी सबोल लाखा तिर
रोव आप जे हो कलबाणी का,
तानी सबोल लाखा तिर रोव आप जे हो कलबाणी का,
अपना धोनियास से राजाजी रूसलवानी का,
अपना धोनियास से सइयाजी रूसलवानी का,
सुनी काहे यान साई जानी तोनी तोनी बात में मेहर से मज़ाक में,
एजी का सोची है नन दो बतिया जानी है जे रात में,
अम के लजात में,
सुनी काहे यान साई जानी तोनी तोनी बात में,
तोनी तोनी बात में,
का सोची है नन दो बतिया
जानी है जे रात में, माने मन
लजात में,
अजनी हरे दरभीन है हमसे कुछ सलबानी का,
अपना धानियां से राजाजी रूछ सलबानी का,