ख्वाब देखे अखियां बेकरार बैठी अखियां
अब मन का अंदेरा निचोड दे
मन हार बैठी अखियां हर बार कहती अखियां
बस एक बार कुदरत पे छोड दे
दिल के सब तरीकों को मैं आजमा के देखूंगा
फिर क्या पता कोई रासता करेगा इंतजार
राती जाती हवाओं को डंग से समझा के बेजूंगा
मैं लापता किसी से ना करें मेरा इज़रान
और ये आस देखे अखियां कर सवाल बैठी अखियां
तू इस बारे तो राज खोल दे
खुआब देखे अखियां बेकरार बैठी अखियां
अब मन का अंदेरान छोड दे
मनहार बैठी अखियां हर बार कहती अखियां
बस एक बार
कुदरत पे छोड़ दे
तीरा खयाल भी किताब
मैं गुलाब सा सजा
ये बात बेती का गजी नराज बेवजा
फिर बेताब बैठी अखियां बेनकाब रहती अखियां
बस एक बार दिदार होने दे
खुआब देखे अखियां बेकरार बैठी अखियां
अब मन का अंदिरान छोड़ दे
मन हार बैठी अखियां हर बार बैठी अखियां
बस एक बार कुदरत पे छोड़ दे
बस एक बार कुदरत पे छोड़ दे