मात होत गोरे मनवा
बदवा बदवा खुर आखिया
पर मुझे खुरा खुरवा
गोरी लेका जरवा तो बरसे बदल से फुहार हा
साबर सुरत देखि काहे तु होलो बिक्करा रहा
गोरी लेका जरवा तो बरसे बदलसे फुहार हा
साबर सुरत देखि काहे तु होलो बिक्кरा रहा
दिल हवा या कखो तु धाम के
इंटे जारके ज़रूरत बान
मदँवोस कर मनवा कही चल न जाएब तुर अखिया कुब सूरत बहा
सपना सरह सजावे लट मान साथ रहुगे
दिल से जैन चुरावे तुहर हर कात आत रहुगे
सपना सरह सजावे लट मान साथ रहुगे
दिल से जैन चुरावे तुहर हर कात आत रहुगे
प्यार में पागल हो मत जाएँ यार के जारु रख बाद
मदहोस कर मनवा कहीं चल न जाएबा तुर अख्या कूब सूरत बाद
बेचेन होला मनवा जब नैना लडेला यार से
घड़कन के रापतार बढ़ें जब देखें तुँ प्यार से
बेचेन होला मनवा जब नैना लडेला यार से
घड़कन के रापतार बढ़ें जब देखें तुँ प्यार से
प्रेम तो हर चाहत अब तो मन में नमस्री हुनत बाद
मदहोस कहर मनवा कहीं चल न जाएबा तुर अख्या है खूब सूरत बाद