आख जुकी सी चाल रुकी सी गुन है कहां मतवारापिर कभी ये दिन आए ना आए सोच रहा दिलवालाआख जुकी सी चाल रुकी सी गुन है कहां मतवारापिर कभी ये दिन आए ना आए सोच रहा दिलवालादिल में कोई खलिश भी है लगते कोई हाँसी भी हाँदिल में कोई खलिश भी है लगते कोई हाँसी भी हाँदिल में कोई खलिश भी हाँसी भी हाँसी भी हाँसीफोटो को चुप लगी है क्यों छेड़ना कोई दास्ताफोटो को चुप लगी है क्यों छेड़ना कोई दास्तागुल्चा हुआ है दिल कही ऐसे में होश भी कहाहोश भी कम-कम बात भी कम-कम आज है रंग निरारावो भोश भी कम कम, बात भी कम कम, आज है रंगली रालातिर कभी ये दिन आये ना आये, सोझ रहा दिलवालाआप जुखी थी, चार रुखी थी, उन्हें कहां रजवालातिर कभी ये दिन आये ना आये, सोझ रहा दिलवालादिल में लगी है आग सी, इसको मैं पान जाओं क्यादिल में लगी है आग सी, इसको मैं पान जाओं क्याचहरे का रंग देखलो, हालो मैं खुद बताओं क्याजैसे के धाल, जैसे के खार, जैसे के खालकौन पातिल जैसे कोई मतवानाजैसे के धामण जैसे के पातिल जैसे कोई मतवानाफिर कभी ये दिन आय ना आय सोच रहा दिलवालाआख रुखी थी जान रुखी थी तुम्हे कहा मतवालाफिर कभी ये दिन आय ना आय सोच रहा दिलवाला