पियाजी ज्यों गंगे गयट पैं
बुड़ वाले हाद कदे गोरी तू पड़के
गोरी रह ना चाये वन्गे गट्ट पैं
गोरी रहना चाये वन्गे गट्ट पैं
भतियाध मैं कजल पीया चलूँ बपनी ठंड्के
घड़ पिया जी मैं कूड़ के ना चाली
रंडया के जीन गोरी रहो जै धनी काली
ओ आगल गंद्यो चथी मैं पिया चलो धनी डटके
होती जी जाओंगी पन घट पे
ओ दुड़ वाले हाड कदे गोरी तू पड़ के
ओ गोरी
रहना चाईये पन घट पे
पड़ पर गंगतने खोल के तू जाओंगी गरते बहार से
जैना मनने तो लव
मरू रेल तलाई कटे के
ओ गोरी रहना चाईये पन घट पे
03:56