शुरूप पहले बाबा भोलेनाज के चरन कामल में बनदन अट्पित करेत अत उपस्तेत
जते भी हम अर्ष्योदालू भगत सब ची
हम आज आशिक दुनो हाज़ोर का गोर लगेशी पनाम करेशी
आओ सावन मास के बहुत सुन्दर बाबा के नचाराई सुनावी
सुनावी
जयो
आज आशिक दुनो हाज़ोर का गोर लगेशी पनाम करेशी आओ
सावन मास के बहुत सुनदर बाबा के नचाराई सुनदर
केलिये सनात सबके
हमरा विसरिये केलिये ना
यो विसरिये केलिये ना
दोरीदा मारू सचेलों
से विसरिये केलिये ना
दामारू ये सचेलों से विसरिये केलिये ना
जर के बड़ी आयो
सबले खुलली ये बाबा बजर के बड़ी आयो
आहां विपती आयो
आग लगन पाडल के भार जे विसरिये केलिये
ना आउड हमरा संके भगत भैशन सदलाश में
सुनियो न चारी बाबा गाबया जे
आसिक यो
सुनियो न चारी बाबा
बाबा
बाबा बाबा
हमरा विसरीये केलिये ना यो विसरिये केलिये ना घोड़ी डामारु सजेलो
से विसरी ये कलिये ना
दामारु सजेलों से विसरी ये कलिये ना