ज़ोवन पर के बातों देशी हो
एबा!
हरे सुना Port UK
ज़वन पर के मातों देशी, ओँ गां करें
ये तू देखा रसली चंदा से
अमावा केन मवाका हो लागता दो सहरी नहो
तनी खटलूश लागता
लागता दो सहरी नहो
Music by JaiGuruDeva
लंगारा हो कारे
आतो तहारा कारा गटा
खीखा दगरी अपना हाथे छिलिके
किया दगरी खेपवारी जे खाना तारी पचता
लगता रहे लाजा मामा हो
अमावा केन मवाका हो
लागता दो सहरी नहो
अरे इससे कुछ बहुत ही भगवाईबगाई
नहो
लागता लागता दो सहरी नहो
एको
खईला पमण जाल
भरी
देखदा बाके कौनो फ़रपना परी
अरे देखलो
देखा दो
सुना
अमावा केन मवाका हो लागता दो सहरी नहो
सुनो लेवक बतलो नत जा अरे तदेनो दे