एसा रंगा हूँ शाम के रंग में
होश गवा बैठे है
कल तक तो हम खुद के रहे थे
कल तक तो हम खुद के रहे थे
अब तेरे हो बैठे
एसा रंगा हूँ शाम के रंग में
होश गवा बैठे है
एसा रंगा हूँ शाम के रंग में
होश गवा बैठे है
प्रेम में तेरे सब कुछ मैं हारा
कुछ ना रहा मेरे वश में
ना कोई गम है ना ही शिकन है
शाम मेरे जीवन में
ना कोई गम है ना ही शिकन है शाम मेरे जीवन में
जिसके काबिल हम तो नहीं थे वो हासिल कर बैठे
ऐसा रंगा हूँ शाम के रंग में होश गवा बैठे
ऐसा रंगा हूँ शाम में
है सब माया शाम प्रभु की खुश ही खुश रहते है
है सब माया शाम प्रभु की खुश ही खुश रहते है
खा के कसम कहता हूं
आनन्द में रहते हैं भूल के अपना सब कुछ पराया अब तेरे हो बैठे
ऐसा रंगा हूँ शाम के रंग में भोश गवा बैठे हैं
दिल कुर्बा है तुझ पे दाता और नहीं कोई भावें
छूटे ना ये रंग कभी भी ये ही दिल में आए
छूटे ना ये रंग कभी भी ये ही दिल में आए
ये ही दिल में आए
करके यारी तुम से निखिल हम हार को जीत है बैठे
करके यारी तुम से निखिल हम हार को जीत है बैठे
ऐसा रंगा हूँ
शाम के रंग में भोश गवा बैठे
शाम के रंग में होश गवा बैठे है ऐसा रंगा हूँ शाम के रंग में होश गवा बैठे है
रंग दे मोहे रंग दे
रंग दे मोहे
मोहे रंग