पेकदरानी नगरी दुनिया बेदर्जादादे रावा जीना से की जीना मरना खावगा मेरा
एक जिन्दर ते दूख हजार अखिया रोवन जारो जार
मेरी गिगल गयी तकदीर मैनु दिसप्या आज आपतीर
हर मैनु दिसप्या आज आपतीर मेरा उजड प्या गुल्गार
अखिया रोवन जारो जार
अखिया आज आपतीर
मैं अकल के बज़वार सुख सचना आई दर्दू
मैं अकल के बज़वार सुख सचना आई दर्दू
अकल के बज़वार सुख सचना आई दर्दू
मैं अकल के बज़वार सुख सचना आई दर्दू