अगर नाथ देखोगे
अवगुण हमारे
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
अगर नाथ देखोगे
हमारे लिए क्यूं देर किये हो
हमारे लिए क्यूं देर किये हो
गरी का आजा मिल को पल में उबारे
अगर नाथ देखोगे
पतितों को पावन है करते कृपानी दे
पतितों को पावन है करते कृपानी दे
ये पाप है इस सुयश के सहारे
अगर नाथ देखोगे
माना अगम है आपावन कुटी है
माना अगम है आपावन कुटी है
सब कुछ है लेकिन प्रभू हम तुबारे
अगर नाथ देखोगे
मन होगा निरमल तुम्हारी कृपा से
मन होगा निरमल तुम्हारी कृपा से
इसे शुभ करने में राज शुहारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
अगर नाथ देखोगे