साथियों ये बात आजकल के माहौल में जो नोग शराब और कबाब दोलों में बिगरत जा रहे हैं
मंदिर मस्जिद में पूजा नहीं करते तारू के ठेकों पा पूजा करते हैं
आज डोकन से शराब मिलती है मेरे मेहरवाणों ये अनर्थ है
हमारे देश को बदलना होगा आप सभी को बदलना होगा
आइए सुनते हैं महाशे शुक्पा नादर के वाद में
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
फिर तो खुदा खैरी करें किसी के नबासी का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
इसी की हवासी का
इसी की हवासी का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
गर कहीं लग जाए मदरा का चस्का
पारातों में नाचते लड़के पी पी प्यालिया
बिगड़ गई संतान सभी लोगी बजारे तालिया
पारातों में नाचते लड़के पी पी प्यालिया
बिगड़ गई संतान सभी लोगी बजारे तालिया
नाचते कुमारी एक कुमार नाचते साधियों में बरने के यार नाचते
बुढ़्धा बिना ते रया असी वरासे का
करी कही लग जाए मदरा का जशका
बुढ़ जाए मदरा का जशका
बुढ़ जाए मदरा का जशका
बुढ़ जाए मदरा का जशका
बुढ़ जाए मदरा का जशका
करी कही लग जाए मदरा का जशका
करते हैं