हमार मेहरारू होके को देलू माना
मोने पसंद ना बनावेलु खाना
भिसक लाई मिले पस आटाए राजाजी
तोपे हम बना केती हम बराठाए राजाजी
टाइम टाइम पे बनाई बुना खाना तो देहिया जाई सुखाई
हाँ तो अपना माई क्यों समझाई
दिल मसाला गल लाबो खिसिया लिरा और माई
टाइम टाइम पे बनाई बुना खाना तो देहिया जाई सुखाई
दिल मसाला गल लाबो खिसिया लिरा और माई
हिस्ती में नधरा तुह गटाई राजाजी
लेके आइब आटा तोबे बनाईब हम पराठाजी
अपने राजाजी के ऐसे न छोड़ा मुहावा जोनी मोड़ा
हो
राजा सिंघानिया राबे दिवारे के मनलना तू बतिया हो
अपने राजाजी के ऐसे न छोड़ा मुहावा जोनी मोड़ा
हो
मनलना तू बतिया हो
कैला तू दिमाग हमर माठा है राजाजी
लेके आइब आटा तोबे बनाईब हम पराठाजी