एखुदा बेसाहाएखुदा बेसाहाइतने लाचार हैं हम। कितने मजबूर हैं हम। दुनिया में रहकर भी दुनिया से दूर हैं हम।बदनसीबों की इसमें क्या है खता। ऐ खुदा बेसहारों के खुदा।ऐ खुदा जानें।ऐ खुदा जानता है।दिल के हर राज को तू किसलिये सुनता नहीं।गम की आवाज को तू गम के मारों की इसमें क्या है खता।ऐ खुदा जानें।ऐ खुदा बेसहारों के खुदा।आखिर इनसान है हम।क्यों ना फरियाद करें।गर पुकारें ना तुझे।किसको फिर याद।बेसहारों की इसमें क्या है खता।ऐ खुदा बेसहारों के खुदा।ऐ खुदा बेसहारों के खुदा।Thank you for watching!