भागतार काहि आज फ़गवा के दिन हो
अरे छोडी
भरके ले आईल बानी
रंग पीछकारी में
कामी नहीं होई
तहरा खातिर दारी में
बनबन आई के सताने जाने जे,
रंगामा को जगह लगाई जाने जे
बार दाखी ठोली भावजी चोलीया किस नवा सनवा
जूता हुँ डरालो कैसन होई अनजाम हो
भावजी रंग वाला तोहारो चपत रह बनाम हो
खोल के बतावत तोनी रहू असवा
हाँ
भया रहू जोनी है तो करें उतपा
माती में मिलावा जोनी
अतुल के उमाणवा उमाणवा है अप खिल के
उमाणवा है
ये देवार जी ख़दन वा पेना डाली रांग वा
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