आगी मुट्टी वीट जिन्द, सोके वेखे आनो बिंदआगी मुट्टी वीट जिन्द, सोके वेखे आनो बिंदसारी रात रही रब कोलो मंग दीनमानी तेरी खैर मित्राहोया सुनके मैं तेरी दूरी नारदा, अधि राती फैर मित्राऔर राती ताल गी जे गल, किते फेर पो चलकातो फेक ना चपाई बट जिन्दडी, नी रेश मेरो माल वारगीहुंदी वैलियां दी जिन्दगां नी बल्ली ये नी दुददे उबाल वारगीमैले हार नं सबाग नाल हानी, बास हेड कूत झीदी न मानीमैले हार नं सबाग नाल हानी, बास हेड कूत झीदी न मानीपर आब ना करे कोई न कोई जानदा जे वरत पला कैर मित्राहोया सुनके मैं तेरी दूरी नालदा अधिराती फैर मित्राशेर वार गार काने देरा रखनी, कम जानदे वेर रुखांदे वी पतनीजदों गली जे कलू के जाट मारदा, नी बाड़े के पुछाल वार गीहुंदी वैलियां दी जंदगा नी बल्ली ये नी दुद्ध दे ओ बाल वार गीतेरे जोरे आच गई यती होवे, कद मानी ना महबतां दी लोवेएक कुटे वाल पाई फिर कास तो हर एक नाल वैर मित्रा, होया सोनके मैं तेरी दूरी नाल दा अधिराती फैर मित्रापाँवे चपरी ते रहे बिलो ककना, कदे कार केजी ओना नी मी आकना, गल बापडे वाले दी सानु लागदी नी मिठी मगलाल बार गीहोया सोनके मैं तेरी दूरी नाल दा अधिराती फैर मित्रा