एस्टि राजासी
काहेला धनिया मुहवा तूपुला हिले हम बाडू
होती होने
कवना मबात पे इतना गुसा कोईले हम बाडू
काहेला धनिया मुहवा तूपुला हिले हम बाडू
कवना मबात पे इतना गुसा कोईले हम बाडू
छूटता पोची ना लागोता गोड़मिया
बेस राजे
तो ये गोह घरवा में लगवा दिही ना एसी राजा जी
गोहरमी से ये हो पिया देहि आजो राता
तो हरात कुछ हाँना राजा पुछाता
बाटे अभी पैसा के कौमी हो सुना ये बबुआ के मौमी हो
जाई के लिए अधा कोवन भी माडल भी
देसी राजा
जी कि ये गोह घरवा में लगवा दिही ना एसी राजा जी
जी राजा
जी
जी
जी
जी
जी
पंखा कुलार से ना गरम ही जाता, सारा हमें कॉप हमार असही जुराता
ना हुखा परेशान सुना धनिया हो, पिला फिरिज वाला पनिया हो
पाति सुने ही जुअ पसीह ना बेधे गरनिया कॉल, ऐसी राजा जी
किये गोह घरवामें लगवा दिहि ना, ऐसी राजा जी
किये गोह ध्वरवामें लगवा दिही ना, ऐसी राजा जी
हॉइरे, गर्मी देखियें पसीज़ गएलबा