अब ही कम सिन बाड़ू नादान
होई बू सोला बरस के ज़्यावान
मचई बू तू ही एक दिन तुफान
थी हुय शहर, बनारस मुझ
मचई बू तू ही एक दिन तुफान
थी हुय शहर, बनारस मुझ
थी हुय शہर, बनारस मुझ
थी हुय शहर, बनारस मुझ
हाथ देख तोरे हाल बताई
गुड देख तोरे चाल
धिरनी ऐसन अखिया बा तोरे
रेशम ऐसन बा
तोरे पर मरी है कितने देखा
बाके बाके जवान थी हुय शहर, बनारस मुझ
थी हुय शहर, बनारस मुझ
होई है शहर, बनारस मुझ
अब ही बाजो बना तोरे आम के टीकोरा
हो जाई तीरी कमां
अखिया में कजरा, देबु खुळावा में गजिरा
मुझ में बनारस पां
आस लगा के लुगवा, बैठर हो के तिनन
तोरे पे धाई के ध्यान
हुय शहर, बनारस मुझ
हुय शहर, बनारस मुझ
होई है शहर, बनारस मुझ
कोई तो है मुनिया कही, कोई लल मुनिया
आईसन कर बुना
कोई तो है छमिया कही, कोई लक्षमनिया
आईसन हो खीशा
कोई कही तो हो राके, देते तु हम राके
अपने आप के दान
हुय शहर, बनारस मुझ
हुय शहर, बनारस मुझ
होई है शहर, बनारस मुझ